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    Download Jitne Bhi Zakham Hain Dil Par Lyrics by Nusrat Fateh Ali Khan - Read, Copy & Get LRC, PDF, TXT, SRT Files

    Read, copy, and download the Jitne Bhi Zakham Hain Dil Par lyrics LRC file, which provides synchronized music subtitles for the song Jitne Bhi Zakham Hain Dil Par by Nusrat Fateh Ali Khan from the album DilLagi. Our LRC file is created using the free "LRC File Maker" tool and matches the official length of the song, which is 13:34.15. Additionally, you can download the lyrics in TXT (.txt), SRT (.srt), and PDF (.pdf) formats.



    Jitne Bhi Zakham Hain Dil Par by Nusrat Fateh Ali Khan LRC Format

    [ti:Jitne Bhi Zakham Hain Dil Par]
    [ar:Nusrat Fateh Ali Khan]
    [al:DilLagi]
    [lang:Hindi]
    [length:13:34.15]
    [by:Jun]
    [re:rclyricsband.com]
    [ve:v0.0.5]
    [00:00.00]
    [01:01.40]गर्दिशों के हैं मारे हुए ना
    [01:04.16]गर्दिशों के हैं मारे हुए ना
    [01:09.62]दुश्मनों के सताये हुए हैं
    [01:14.71]गर्दिशों के हैं मारे हुए ना
    [01:19.62]दुश्मनों के सताये हुए हैं
    [01:24.37]गर्दिशों के हैं मारे हुए ना
    [01:29.00]गर्दिशों के हैं मारे हुए ना
    [01:33.99]दुश्मनों के सताये हुए हैं
    [01:39.70]दुश्मनों के सताये हुए हैं
    [01:44.20]जितने भी जख्म है मेरे दिल पर
    [01:48.60]जितने भी जख्म है मेरे दिल पर
    [01:52.95]दोस्तों के लगाए हुए है
    [01:57.96]जितने भी जख्म है मेरे दिल पर
    [02:02.58]दोस्तों के लगाए हुए है
    [02:07.39]इश्क को रोग मार देते हैं
    [02:10.25]अक्ल को सोग मार देते हैं
    [02:14.53]आदमी खुद ब खुद नहीं मरता
    [02:17.20]दूसरे लोग मार देते हैं
    [02:20.50]जितने भी जख्म है मेरे दिल पर
    [02:24.96]दोस्तों के लगाए हुए है
    [02:40.28]जितने भी जख्म है मेरे दिल पर
    [02:44.59]दोस्तों के लगाए हुए है
    [02:49.12]लोग कांटो से बच के चलते हैं
    [02:51.64]हमने फूलों से जख्म खाए हैं
    [02:55.63]तुम तो गैरों की बात करते हो
    [02:58.36]हमने तो अपने भी अजमाये हैं
    [03:02.15]जितने भी जख्म है मेरे दिल पर
    [03:06.10]दोस्तों के लगाए हुए है
    [03:19.29]जितने भी जख्म है मेरे दिल पर
    [03:23.54]दोस्तों के लगाए हुए है
    [03:28.34]कसा-ए-दिल की दुनिया में
    [03:31.39]मैंने दीदार की गद्दारी की
    [03:34.76]कसा-ए-दिल की दुनिया में
    [03:38.10]मैंने दीदार की गद्दारी की
    [03:41.40]मेरे जितने भी यार थे
    [03:43.63]सबके हस्बे तौफीक बेवफायी की
    [03:48.74]जितने भी जख्म है मेरे दिल पर
    [03:53.00]दोस्तों के लगाए हुए है
    [04:06.75]जितने भी जख्म है मेरे दिल पर
    [04:11.26]दोस्तों के लगाए हुए है
    [04:21.24]जितने भी जख्म है मेरे दिल पर
    [04:25.70]दोस्तों के लगाए हुए है
    [04:29.67]जब से देखा तेरा कदो कामद
    [04:33.95]जब से देखा तेरा कदो कामद
    [04:38.79]जब से देखा तेरा कदो
    [04:43.60]जब से देखा तेरा कदो कामद
    [04:52.55]जब से देखा तेरा कदो
    [04:59.37]जब से देखा तेरा कदो कामद
    [05:13.97]जब से देखा तेरा कदो कामद
    [05:18.61]तुम्हें देखा तो जाहिद ने कहा
    [05:21.97]इमान की है के इंसान को सजदा रवा होने का वक्त आया
    [05:29.61]जब से देखा तेरा कदो कामद
    [05:33.75]जब से देखा तेरा कदो कामद
    [05:38.34]इमान की है के इंसान को सजदा रवा होने का वक्त आया
    [05:42.00]ऐ मस्त
    [05:42.63]ऐ मस्त
    [05:43.14]नाज़ देखने वालों के दिल तो देखा
    [05:44.00]पैमाल हो गए तेरा दिल देख कर
    [05:47.39]जब से देखा तेरा कदो कामद
    [05:52.19]जब से देखा तेरा कदो कामद
    [06:08.60]जब से देखा तेरा कदो कामद
    [06:12.99]गिराया गिराया हाथ से शीशा सुरही तोड़ दी मैंने
    [06:19.94]जब से देखा तेरा कदो कामद
    [06:24.10]गिराया गिराया हाथ से शीशा सुरही तोड़ दी मैंने
    [06:28.86]जब से देखा तेरा कदो कामद
    [06:42.73]जब से देखा तेरा कदो कामद
    [06:55.47]लेकिन ए काफ़िर तेरी उठती जवानी कौन देखेगा
    [06:58.80]जब से देखा तेरा कदो कामद
    [07:14.49]जब से देखा तेरा कदो कामद
    [07:19.32]दिल पे टूटी हुई है क़यामत
    [07:23.20]दिल पे टूटी हुई है क़यामत
    [07:28.14]हर बला से रहे तू सलामत
    [07:32.30]हर बला से रहे तू सलामत
    [07:36.78]दिन जवानी के आए हुए हैं
    [07:40.97]हर बला से रहे तू सलामत
    [07:45.93]दिन जवानी के आए हुए हैं
    [07:50.43]और दे मुझको दे और साकी
    [07:53.76]और दे मुझको दे और साकी
    [07:58.96]और दे मुझको दे और
    [08:03.61]और दे मुझको दे और साकी
    [08:06.99]और दे मुझको दे और साकी
    [08:19.91]और दे मुझको दे और साकी
    [08:24.37]करीब और भी आओ के शौक ए दीद मिटे
    [08:29.81]शराब और पिलाओ के कुछ नशा उतरे
    [08:34.11]और दे मुझको दे और साकी
    [08:38.74]और दे मुझको दे और
    [08:52.33]और दे मुझको दे और साकी
    [08:56.51]अपने दिल ए साद चाक को सी सकता हु
    [09:01.43]महरूम ए करम होकै भी जी सकता हु
    [09:05.62]मौक़ूफ़ नहीं जाम पे रिंदी मेरी
    [09:10.70]साकी तेरे गुस्से को भी पी सकता हूँ
    [09:13.87]और दे और दे मुझको साकी
    [09:32.60]और दे मुझको दे और साकी
    [09:36.80]होश रहता है थोड़ा सा बाकी
    [09:40.94]होश रहता है थोड़ा सा बाकी
    [09:45.80]आज तल्खी भी है इंतेहा की
    [09:49.64]आज तल्खी भी है इंतेहा की
    [09:54.37]आज वो भी पराए हुए हैं
    [09:58.93]आज तल्खी भी है इंतेहा की
    [00:03.18]आज वो भी पराये
    [00:06.40]आज वो भी पराए हुए हैं
    [00:07.71]आज तल्खी भी है इंतेहा की
    [00:11.98]आज वो भी पराए हुए हैं
    [00:16.62]कल थे आबाद पहलु में मेरे
    [00:20.43]कल थे आबाद पहलु में मेरे
    [00:25.61]कल थे आबाद पहलु में मेरे
    [00:38.62]कल थे आबाद पहलु में मेरे
    [00:48.32]कल थे आबाद पहलु में मेरे
    [01:00.31]कल थे आबाद पहलु में मेरे
    [01:11.31]कल थे आबाद पहलु में मेरे
    [01:15.57]अब है गैरों की महफिल में डेरे
    [01:19.65]अब है गैरों की महफिल में डेरे
    [01:24.80]कल थे आबाद पहलु में मेरे
    [01:28.70]अब है गैरों की महफिल में डेरे
    [01:32.90]मेरी महफिल में कर के अँधेरे
    [01:37.24]मेरी महफिल में कर के अँधेरे
    [01:41.69]अपनी महफिल सजाए हुए हैं
    [01:46.28]मेरी महफिल में कर के अँधेरे
    [01:50.49]अपने हाथों से खंजर चला कर
    [01:59.55]अपने हाथों से खंजर चला कर
    [02:03.83]अपने हाथों से खंजर चला कर
    [02:08.23]कितना मासूम चेहरा बनाकर
    [02:12.67]कितना मासूम चेहरा बनाकर
    [02:17.90]अपने कंधों पे अब मेरे कातिल
    [02:21.70]अपने कंधों पे अब मेरे कातिल
    [02:25.97]मेरी मय्यत उठाए हुए हैं
    [02:30.40]अपने कंधों पे अब मेरे कातिल
    [02:34.76]मेरी मय्यत उठाए हुए हैं
    [02:39.90]मेहवशों को वफ़ा से क्या मतलब
    [02:43.53]मेहवशों को वफ़ा से क्या मतलब
    [02:47.80]इन बुतों को खुदा से क्या मतलब
    [02:52.70]इन बुतों को खुदा से क्या मतलब
    [02:56.37]इनकी मासूम नजरों ने नासिर
    [03:00.43]इनकी मासूम नजरों ने नासिर
    [03:04.94]लोग पागल बनाये हुए हैं
    [03:09.76]इनकी मासूम नजरों ने नासिर
    [03:14.80]लोग पागल बनाये हुए हैं
    [03:19.12]गर्दिशों के हैं मारे हुए ना
    [03:23.92]दुश्मनों के सताये हुए हैं
    [03:30.15]RCLyricsBand.Com

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    Saja Hai Maikhana

    Sochta Houn


    FAQ:

    1. Who is the singer of "Jitne Bhi Zakham Hain Dil Par" song?

    ⇒ Nusrat Fateh Ali Khan has sung the song "Jitne Bhi Zakham Hain Dil Par".

    2. Which album is the "Jitne Bhi Zakham Hain Dil Par" song from?

    ⇒ The song "Jitne Bhi Zakham Hain Dil Par" is from the album DilLagi.

    3. In which language is the "Jitne Bhi Zakham Hain Dil Par" song composed?

    ⇒ The song "Jitne Bhi Zakham Hain Dil Par" is composed in the Hindi language.

    4. What is the official duration of the "Jitne Bhi Zakham Hain Dil Par" song?

    ⇒ The official duration of "Jitne Bhi Zakham Hain Dil Par" is 13:34.15.

    5. Can I reupload this LRC file on the internet?

    ⇒ Sorry, you are not allowed to reupload this LRC file on the internet without permission. This is only for your personal use.

    6. Does this LRC file perfectly match the official song?

    ⇒ Yes, it does most of the time, but sometimes you may need to apply an offset using our tool, LRC File Maker (e.g., +10 or -10).

    Nusrat Fateh Ali Khan - Jitne Bhi Zakham Hain Dil Par